Priyanka Deshmukh
सिर्फ एहसास है यह रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो
शोर की तो उम्र होती है
खामोशी सदाबहार है
कुछ भी कायम नहीं है, कुछ भी नहीं,और जो कायम है
बस एक मैं हूं, मैं जो पल-पल बदलता रहता हूं
दवा गर काम ना आए तो नजर भी उतारती है
यह मां है साहब हार कहां मानती है
दिल से फैसला करो तुम्हें क्या करना है
दिमाग तरकीब निकाल लेगा
थोड़ा सुकून भी ढूंढिए जनाब
यह जरूरतें तो कभी खत्म नहीं होती
जीने के लिए सोचा ही नहीं
दर्द संभालने होंगे
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
जबसे डिग्रियां समझ में आईं पांव जलने लगे
जिंदगी छोटी नहीं होती है
लोग जीना ही देरी से शुरू करते हैं
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
जबसे डिग्रियां समझ में आईं पांव जलने लगे
गुजरते दिनों का नहीं
बल्कि यादगार लम्हों का नाम है जिंदगी